आगरा:
देश में धर्म को लेकर जितनी भी राजनीति होती रहे अगर समाज के अंदर साम्प्रदायिक एकता ने मजबूती से जड़े जमा रखी हों तो देश का भविष्य सुरक्षित है। ऐसी ही एकता का सालों से मजबूती से परिचय देते आ रहे हैं आगरा के निवासी जो रमजान के पाक महीने में पूरे देश को गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश देते हैं।
आगरा के हॉस्पिटल रोड स्थित हज़रत सैयद अब्दुल्लाह सईद की इमली वाली मस्जिद पर हर साल रमज़ान के महीने में पांच दिवसीय सामूहिक तरावीह का आयोजन किया जाता है। तरावीह मुसलमानों द्वारा रमजान के महीने में रात में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़ है। इस तरावीह की तैयारी मुस्लिम, हिन्दू और इसाई समाज के लोग साथ मिलकर करते हैं।
सेंट जोंस चर्च कंपाउंड के बाहर सड़क पर होने वाली इस तरावीह की तैयारी के लिए हिन्दू दुकानदार अपनी दुकानें रात 10 बजे के बजाए रात 8 बजे ही बंद कर लेते हैं। इसके बाद हिन्दू दूकानदार सड़क की सफाई करते हैं और बिछात कराते हैं। वहीं वुजू के लिए कई ड्रम पानी की व्यवस्था ईसाई समाज द्वारा की जाती है। आसपास मुस्लिम बस्ती न होने के कारण सुरक्षा की व्यवस्था भी यही दुकानदार और आसपास के लोग करते हैं। इस दौरान यहां की यातायात व्यवस्था भी स्थानीय दुकानदारों द्वारा ही की जाती है।।
आगरा के हॉस्पिटल रोड स्थित हज़रत सैयद अब्दुल्लाह सईद की इमली वाली मस्जिद पर हर साल रमज़ान के महीने में पांच दिवसीय सामूहिक तरावीह का आयोजन किया जाता है। तरावीह मुसलमानों द्वारा रमजान के महीने में रात में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़ है। इस तरावीह की तैयारी मुस्लिम, हिन्दू और इसाई समाज के लोग साथ मिलकर करते हैं।
सेंट जोंस चर्च कंपाउंड के बाहर सड़क पर होने वाली इस तरावीह की तैयारी के लिए हिन्दू दुकानदार अपनी दुकानें रात 10 बजे के बजाए रात 8 बजे ही बंद कर लेते हैं। इसके बाद हिन्दू दूकानदार सड़क की सफाई करते हैं और बिछात कराते हैं। वहीं वुजू के लिए कई ड्रम पानी की व्यवस्था ईसाई समाज द्वारा की जाती है। आसपास मुस्लिम बस्ती न होने के कारण सुरक्षा की व्यवस्था भी यही दुकानदार और आसपास के लोग करते हैं। इस दौरान यहां की यातायात व्यवस्था भी स्थानीय दुकानदारों द्वारा ही की जाती है।।